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स्वच्छ भारत अभियान उद्देश्य :
क्षेत्रों में संपूर्ण स्वच्छता लाने के लिए वैज्ञानिक ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर बल देते हुए समुदायिक प्रबंधित स्वच्छता प्रणालियों का आवश्यकतानुसार विकास करना। जेंडर पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव ड़ालना और विशेषकर सीमांत समुदायों में स्वच्छता का सुधार करके उन्हें समाज से जोड़ने को बढ़ावा देना।
स्वच्छ भारत अभियान का दूसरा नाम क्या है?
स्वच्छ भारत अभियान का दूसरा नाम “स्वच्छ भारत मिशन” (Swachh Bharat Mission) है। यह अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था ताकि पूरे देश में स्वच्छता और सफाई को बढ़ावा दिया जा सके।
भारत स्वच्छता अभियान का समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?
स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Mission) का समाज पर कई महत्वपूर्ण और सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं। इनमें से कुछ मुख्य प्रभाव निम्नलिखित हैं:
1 स्वास्थ्य में सुधार:
- खुले में शौच की प्रथा में कमी आई है, जिससे जल जनित बीमारियों जैसे दस्त, हैजा, और अन्य संक्रमणों की घटनाओं में कमी आई है।
- स्वच्छता और सफाई की आदतें अपनाने से बच्चों और बड़ों दोनों की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हुआ है।
2 समुदाय की जागरूकता:
- स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ी है। लोग अब सफाई और स्वच्छता के प्रति अधिक संवेदनशील हो गए हैं।
- स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों पर स्वच्छता को लेकर नियमित अभियान और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
3 स्वच्छता संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार:
- गांवों और शहरों में शौचालयों का निर्माण हुआ है, जिससे स्वच्छता के स्तर में सुधार आया है।
- कचरा प्रबंधन और ठोस अपशिष्ट निपटान की प्रणाली में सुधार हुआ है।
4 महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा:
- घरों में शौचालयों के निर्माण से महिलाओं की सुरक्षा और उनकी गरिमा में वृद्धि हुई है।
- खुले में शौच के कारण होने वाली असुविधाओं और खतरों से महिलाओं को मुक्ति मिली है।
5 पर्यावरण संरक्षण:
- सफाई और कचरा प्रबंधन की बेहतर प्रणालियों ने पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।
- प्लास्टिक और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे के उचित निपटान से भूमि और जल प्रदूषण में कमी आई है।
6 अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:
- स्वच्छता में सुधार के कारण चिकित्सा खर्चों में कमी आई है।
- पर्यटन उद्योग को भी स्वच्छता के सुधार का फायदा मिला है, क्योंकि स्वच्छ पर्यटक स्थल अधिक पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
7 सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन:
- स्वच्छता के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदल गया है। अब यह केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास माना जाता है।
- कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भी स्वच्छता अभियानों में भागीदारी की है।
स्वच्छ भारत अभियान के 5 लाभ क्या हैं ?
स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Mission) के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
1 स्वास्थ्य में सुधार:
- खुले में शौच की प्रथा में कमी आई है, जिससे जलजनित बीमारियों जैसे दस्त, हैजा, और टाइफाइड की घटनाओं में कमी आई है।
- समग्र स्वास्थ्य और स्वच्छता स्तर में सुधार हुआ है, जिससे चिकित्सा खर्चों में भी कमी आई है।
2 महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा:
- घरों में शौचालयों के निर्माण से महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा और उनकी गरिमा में वृद्धि हुई है।
- वे अब सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में शौच कर सकती हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति भी बेहतर हुई है।
3 समुदाय की जागरूकता और सहभागिता:
- स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ी है और लोग स्वच्छता बनाए रखने के लिए अधिक सक्रिय हो गए हैं।
- सामुदायिक भागीदारी बढ़ी है, जिससे समाज में सफाई और स्वच्छता के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण बना है।
4 पर्यावरण संरक्षण:
- कचरा प्रबंधन और ठोस अपशिष्ट निपटान की बेहतर प्रणालियों ने पर्यावरण को साफ और सुरक्षित बनाए रखा है।
- प्लास्टिक और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे के उचित निपटान से भूमि और जल प्रदूषण में कमी आई है।
5 अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव:
- बेहतर स्वच्छता के कारण स्वास्थ्य समस्याओं में कमी आई है, जिससे चिकित्सा खर्चों में कमी और कार्यक्षमता में वृद्धि हुई है।
- स्वच्छ पर्यावरण ने पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा दिया है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है।
स्वच्छता के 10 लाभ क्या हैं?
स्वच्छता के कई महत्वपूर्ण लाभ यहाँ स्वच्छता के 10 प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
1 बच्चों की विकास दर में वृद्धि:
- स्वच्छता से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और उनकी शारीरिक और मानसिक विकास दर में सुधार होता है।
2 स्वास्थ्य में सुधार:
- स्वच्छता से जलजनित और संक्रमणजनित बीमारियों की घटनाओं में कमी आती है, जिससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।
3 पर्यावरण संरक्षण:
- उचित कचरा प्रबंधन और सफाई से जल, वायु और भूमि प्रदूषण में कमी आती है, जिससे पर्यावरण संरक्षण होता है।
4 महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा:
- घरों और सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छ शौचालय की उपलब्धता से महिलाओं की सुरक्षा और उनकी गरिमा में वृद्धि होती है।
5 समुदायिक जागरूकता और सहभागिता:
- स्वच्छता अभियान से समुदाय में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ती है और लोग स्वच्छता बनाए रखने के लिए अधिक सक्रिय हो जाते हैं।
6 कार्य उत्पादकता में वृद्धि:
- स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण से लोगों की कार्य उत्पादकता और उपस्थिति में सुधार होता है।
7 अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव:
- स्वच्छता से चिकित्सा खर्चों में कमी आती है और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है, जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को लाभ होता है।
8 मानसिक स्वास्थ्य में सुधार:
- स्वच्छ और साफ-सुथरे वातावरण में रहने से मानसिक तनाव और चिंता में कमी आती है।
9 प्राकृतिक आपदाओं में कमी:
- स्वच्छ जल निकासी प्रणाली और साफ-सफाई से बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की संभावना में कमी आती है।
10 सामाजिक समरसता:
- स्वच्छता अभियानों में सामूहिक सहभागिता से सामाजिक एकता और समरसता में वृद्धि होती है।
स्वच्छ भारत अभियान की जानकारी
स्वच्छ भारत अभियान, जिसे स्वच्छ भारत मिशन भी कहा जाता है, भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य देश भर में स्वच्छता और सफाई को बढ़ावा देना है। यह मिशन दो भागों में विभाजित है: स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी)।
स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य
स्वच्छ भारत मिशन के प्रमुख लक्ष्य निम्नलिखित हैं:
1 सभी घरों में शौचालय की उपलब्धता:
- प्रत्येक ग्रामीण और शहरी परिवार के लिए व्यक्तिगत शौचालय की सुविधा सुनिश्चित करना।
2 भारत को खुले में शौच से मुक्त (ODF) बनाना:
- 2अक्टूबर 2019 तक सभी गांवों, कस्बों और शहरों में खुले में शौच की प्रथा को समाप्त करना।
3 Chemistry और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण:
- सार्वजनिक स्थानों, विशेषकर घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण।
4 स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना:
- स्वच्छता और साफ-सफाई के महत्व के प्रति जनता में जागरूकता फैलाना और स्वस्थ आदतों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
5 ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार:
- कचरा संग्रह, परिवहन और निपटान की प्रभावी प्रणाली विकसित ।
- अपशिष्ट के पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग को बढ़ावा देना।
6. स्कूलों और आंगनवाड़ियों में स्वच्छता सुविधाओं का प्रावधान:
- सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में स्वच्छता सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना, जिसमें शौचालय और हाथ धोने की व्यवस्था शामिल है।
7 स्वच्छता सेवाओं का सतत संचालन:
- स्वच्छता सेवाओं और सुविधाओं का सतत और नियमित संचालन और रखरखाव सुनिश्चित करना।
8 स्वास्थ्य में सुधार:
- जलजनित और संक्रामक बीमारियों को कम करना, जिससे समग्र स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो।
9 स्वच्छता से जुड़े व्यवहार में परिवर्तन:
- लोगों की मानसिकता और व्यवहार में स्थायी परिवर्तन लाना, जिससे स्वच्छता एक नियमित और महत्वपूर्ण हिस्सा बन सके।
10 सामुदायिक सहभागिता और भागीदारी:
- समुदायों को स्वच्छता अभियानों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें स्वच्छता के रखरखाव में शामिल करना।
स्वच्छ भारत अभियान के आंकड़े
1 सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय:
- 5 लाख से अधिक सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है।
2 शौचालय निर्माण:
- 10 करोड़ से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालय बनाए गए हैं।
- 6 लाख से अधिक गांवों में शौचालय निर्माण का कार्य पूरा किया गया।
3 खुले में शौच से मुक्ति (ODF):
- 600,000 से अधिक गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया।
- 4,234 से अधिक शहरों और कस्बों को ODF घोषित किया गया है।
4 स्वच्छता कवरेज:
- ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 2014 में लगभग 38% थी, जो अब बढ़कर 100% के करीब पहुंच गई है।
- शहरी क्षेत्रों में भी स्वच्छता कवरेज में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
5 कचरा प्रबंधन:
- 80,000 से अधिक गांवों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था की गई है।
- शहरी क्षेत्रों में 70% से अधिक कचरे का संग्रहण और वैज्ञानिक निपटान सुनिश्चित किया गया है।
6 स्वास्थ्य प्रभाव:
- जलजनित बीमारियों में उल्लेखनीय कमी आई है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
- बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास दर में सुधार हुआ है, और उनके स्वास्थ्य में सकारात्मक परिवर्तन देखे गए हैं।
7 समुदायिक जागरूकता और भागीदारी:
- स्वच्छता अभियानों और कार्यक्रमों में लाखों लोगों की सक्रिय भागीदारी हुई है।
- स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
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